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Thursday, September 8, 2011
सब कुछ खोने से ज्यादा बुरा क्या है?
स्वामीजी विवेकान्द - "वो उम्मीद खोना जिसके भरोसे पर हम सबकुछ वापस पा सकते है."
1 comment:
सूफ़ी आशीष/ ਸੂਫ਼ੀ ਆਸ਼ੀਸ਼
September 14, 2011 at 5:39 PM
सटीक!
आशीष
--
मैंगो शेक!!!
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सटीक!
ReplyDeleteआशीष
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मैंगो शेक!!!